Mon. Dec 23rd, 2024

सहारनपुर दंगे के विरोध में लखनऊ में किया प्रोटेस्ट, हुई गिरफ्तारी

31 मई को लखनऊ के जीपीओ से विधान सभा तक हुए मार्च के दौरान देश के तमाम विश्वविद्यालयों…

नूर जैसी फिल्में हमारे इतिहास का बोझ बढ़ा रही है …

सुनहिल सिप्पी निर्देशित नूर बड़े पर्दे रिलीज हुई तो लगा पत्रकारिता के किसी अनछुए पहलू से हमारा परिचय…

युवाओं का नाट्य समूह करेगा समाज में फैली अराजकता का पर्दा फ़ाश …

नाट्य प्रयोग : ‘WARNING’ (वॅर्निंग) नाट्य की भाषा : हिंदी विषय : भारतीय समाज मे हो रहे अन्याय…

बांद्रा कलेक्टर ऑफिस मुंबई : मातंग समाज का प्रदर्शन

२८ दिसम्बर ,२०१५ को मातंग समाज ने बांद्रा कलेक्टर ऑफिस के सामने शांतिपूर्वक धरना दिया और अपनी मांगे…

रोहित वेमुला की हत्या : शिक्षण संस्थाओं में लोकतांत्रिक समतामूलक माहौल का आभाव

जैनबहादुर आज के इस आधुनिक लोकतांत्रिक सभ्य समाज में रहते हुए हमारे सामने कभी कभी ऐसी घटनाएँ घट…

हरिशंकर परसाई : खुशी है कि ‘कोटे’ से कुछ ज्यादा ही हरिजन मारे गए- गाँधी या गोडसे

यह चिट्ठी महात्मा मोहनदास करमचंद गाँधी को पहुंचे. महात्माजी, मैं न संसद-सदस्य हूँ, न विधायक, न मंत्री, न…

रोहित के लिए एक हो रहा हिंदुस्तान !

दि.२७/०१/२०१६ को 'जस्टिस फॉर रोहित वेमूला- जॉइंट एक्शन कमिटी' और 'इंडियन मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम' द्वारा एक पत्र्कार सभा…

संदूक यादें, लम्हें और आशाओं की – फ्रीडम थिएटर फिलिस्तीन !

५ जनवरी २०१६ को मुंबई विद्यापीठ द्वारा भारत फिलिस्तीन सांस्कृतिक कर्यक्रम का आयोजन किया गया.इस कार्यक्रम में जन…