पानी डूब जाएगा पानी डूब जाएगा वक़्त के साथ ज़माने की आग में आरज़ूओं, तमन्नाओं का लुक़मा बन कर प्यास की आग में पानी डूब जाएगा पानी डूब जाएगा किसानो की दुआओं को सुनकर रोती पीटती उनकी आहों पुकार की थपेड़े से आसमान की तरफ तकती उनकी सूखी निगाहों की…
Category: कविता
मूतने का चस्का
मनीष बरोनिया पसीने से तेल बना के, चमड़ी की बाती कर ली, और जला के खुद को हमने जिंदगी बसर कर ली….. किवाड़े, खिड़कियाँ, और दीवारे नहीं है, सब खुला पड़ा है, कोई चौकीदारें नहीं है… यूँ बेखबर से, कुछ ढूँढने मत आया करो, मेरा परिवार सोता है, इस फूटपाथ…