“मैंने कई बार सोचा कि आत्महत्या कर लूं, पर मरती तो हजारो लड़कियां, रोज हैं. जिस रावण ने एक औरत को उठाया, उसका पुतला आज भी लोग फूकते हैं, मेरे साथ भी ऐसे कई रावणों ने अत्याचार किया, मैंने उसका जवाब दिया.”- फूलन देवी भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी…
Category: संपादकीय
पानी और बागी: मानखुर्द, चम्बल मोइरंग
लोकतक लारेम्बी मणिपुरी मूवी में होबोम पवन कुमार ने लोकतक झील पर जो इम्फाल के दक्षिण में मोइरंग में है, वहां के मछवारों की जिंदगी पर बनाया है. वो दिखाते हैं कि कैसे सरकार की मणिपुर लोकतक संरक्षण योजना २००६ के कारण वहां के समुदाय को नुक्सान पहुच रहा है….
91000 करोड़ उधार 7000 नकद:कोरोना के पहले और अब, वाराणसी के नमामि गंगे सफाई कर्मचारी प्रताड़ित क्यूँ ?
[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=0f0LF5w02IE[/embedyt] नमामि गंगे के सफाई कर्मचारियों से २०१९ में कोरोना महावारी आने से पहले और बाद में बात हुई. चारों तरफ घाटों पे आपको नमामि गंगे का विज्ञापन, उसके साथ आई.एल.ऍफ़.एस. का पोस्टर दिख जायेगा. इन कर्मचारियों का कहना है कि, उन्हें ७००० नकद, प्रोविडेंट फण्ड कट कर मिलता…
कितने हवाई यात्री थे ..लाख? लॉक डाउन लगाया १३५ करोड़ों पे! बहुत नाइंसाफी है. इसकी सजा मिलेगी. बराबर मिलेगी.
सरकार रे झूठ मत बोलो, घर के पास जाना है, न हाथी है न घोड़ा है, हमें पैदल ही जाना है. कोरोना की खबर देख कर सोया, न एअरपोर्ट पे टेस्टिंग की, फैलने के बाद प्रेस में और टी.वी में रोना रोया, कि आपकी भलाई के लिए, गली, मोहल्ले, शहर,…
है तमाशा ये क्या ! १ अगस्त : अण्णाभाऊ साठे जयंती
जहाँ आज की मीडिया प्रजातान्त्रिक हुकूमत के सामने रेंगती हुई पाई जाती है, जो किसी के शमशान की यात्रा को या तो अनेक रंगों से सबोरती है या अपना कैमरों में ही कफ़न लगा देती है, वो समय जहाँ सरकार कलाकारों से लेकर हर वो स्वतंत्रता के मंजर पर प्रतिबन्ध लगाने…
चूने वाला प्रजातंत्र
हमारे भारत की आर्थिक निति बहुत हद तक एक इफ़ेक्ट का अनुसरण करती है जिसका नाम है चूने वाला इफ़ेक्ट. इसके हिसाब से दुनिया के अनेक प्रजातंत्र चल रहे हैं , जिनको भारत भी कई मायनो में मानने लगा है.
दाढ़ी : घर :: मीडिया : सरकार
दिल्ली के दिल कनौट प्लेस में 25 जनवरी, 2010 का वो दिन भुलाये नहीं भूलता, जब मुझे बगल में बैठे एक पुलिसवाले ने मानो आतंकवादी घोषित कर ही दिया था, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं अपने साथ लद्दाख के एक होटल का कार्ड लेकर चल रहा था. जम्मू और कश्मीर में…
ओबामा टीम में दो भारतीय: काल पेन्न और फ्रैंक इस्लाम
काल पेन्न ओबामा टीम के साथ भारत दौरे पर आये थे. हर मौके का बहुत ही सुन्दर फोटो निकाला, गार्डन से ले के राष्ट पति भवन तक. उनके ट्वीट के हिसाब से ये पता लगा कि उनके पिता १९६७ में मात्र ५०० रुपए और बहुत सारी उम्मीदों के साथ अमेरिका…
जो दिखता है वो बिकता है
“कौन कमबख्त जानकारी देने के लिए छापता है ? हम तो छापते हैं कि विज्ञापन होने पाए, आवाज़ पैसे की आप तक, और गैर जरूरी साजो सामान की चाह जुबान पर पानी से भी पहले आवे.. जब सोच भी देखने, सुनने से विकसित होती है, तो हम सुनायेंगे और हम…
सरकार हमसे डरती है, ट्विटर और फेसबुक को आगे करती है
जन आंदोलनों का नारा सरकार हम से डरती है पुलिस को आगे करती है, शायद कुछ दिनों में बदल जाए. आजकल सरकार के प्रतिनिधि और मीडिया जगत के लोग, फेसबुक और ट्विटर से ही ज्यादा काम चला रहें हैं. कहतें हैं कि ट्रेंडिंग करो , # लगा के. और…
अण्णा भाऊ साठे
पहला द सभा का प्रकाशन लोक साहिर अन्ना भाव साठे को समर्पित है. अन्ना भाव साठे सांगली जिला के दलित मातंग समुदाय से थे. अपनी जाति और ग़रीबी के कारण वो बचपन में अपने पढाई नहीं कर पाए. अन्नाभाव मुंबई में दो चीजों की ओर आकर्षित हुए – एक अलग…