By Sakshi Gupta शिक्षा एक प्रगतिशील समाज का मूल है. शिक्षा एक ऐसी चीज़ है जिसके बिना इंसान एक जानवर या प्राणी ही रह जाता है। शिक्षा जिसे इंग्लिश में एजुकेशन कहते हैं, जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इसी से मानव का विकास होता है, जिससे वो अपना…
Category: सामाजिक आंदोलन
मिर्ज़ापुर: रेलवे का फटका
हरिश्चंद्र बिंद अध्यक्ष गाँव सुधारक समिति मिर्जापुर रिपोर्टर-द सभा एक रेलवे का फाटक है. कटका स्टेशन के पूर्वी ओर. यहाँ से होकर जिन्दा और मुर्दा दोनों जातें हैं. मुर्दा, दक्षिण की ओर, अर्थी पर गंगा नदी किनारे जलने और जिन्दा औरतें खटिया पर उस पार, प्रसव के लिए. जिन्दा मुर्दा…
छारा समाज पर पुलिस का हमला .26 जुलाई की रात छारा समाज पर हुए हमले की तथ्य खोज ( fact finding) रिपोर्ट
छारा समाज पर पुलिस का हमला 26 जुलाई की रात छारा समाज पर हुए हमले की तथ्य खोज ( fact finding) रिपोर्ट …
कोरेगांव हिंसा के मुख्य आरोपी ‘संभाजी’ मनोहर भिडे और मिलिंद एकबोटे. फिर पुलिस किसे पकड़ रही ?
फ़रवरी प्रिंट अंक मंडल कमीशन द्वारा आरक्षण विश्वविध्यालयों में जारी करने के आज करीब १७ साल बाद वो समाज जिस पर दुसरे का लिखा हुआ इतिहास थोपा गया था, आज अपनी भाषा, लहजा में अपनी बात कह रहा है. अब लिखेंगे नहीं तो नहीं न होगा. और जब लिखेंगे और…
नर्मदा किनारे से प्रधनमंत्री को पत्र
श्री नरेंद्र मोदीजी, माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली नमस्ते आज मध्यप्रदेश के अखबार में यह खबर छपी है कि सरदार सरोवर बांध के 17 मी. ऊँचे गेट्स लगाने के मामले में आपके दिल्ली स्थित कार्यालय में अंतर राज्यीय बैठक आयोजित की गई। खबर में यह भी कहा…
बांद्रा कलेक्टर ऑफिस मुंबई : मातंग समाज का प्रदर्शन
२८ दिसम्बर ,२०१५ को मातंग समाज ने बांद्रा कलेक्टर ऑफिस के सामने शांतिपूर्वक धरना दिया और अपनी मांगे रखीं.
बाँध नहीं विकास चाहिए, नदी दिवस का यही आगाज़
उत्तराखंड में गंगा के मायके अलकनंदा घाटी से विष्णुगाड पीपलकोटी बाँध प्रभावितों ने अंतर्राष्ट्रीय जगत को ये संदेश दिया है कि नदियों के जीवन से हमारा जीवन है । टीo एचo डीo सीo और विश्व बैंक का गठजोड़ पूरी तरह से गंगा घाटी के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा…
क्रांतिगुरू लहुजी सालवे- मातंग समाज
संतोष थोराट भारत के प्रथम, क्रांतिगुरू लहुजी सालवे जन्म: १४ नवंबर १७९४ निर्वाण: १७ फरवरी १८८१ थोर समाजसुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले इनके गुरू, क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले इनके अंगरक्षक, महात्मा ज्योतिबा फुले- क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले इन्होने देश में लडकियो के लिए, दलित, आदिवासी, ओबीसी,मुस्लिम समाज के लिए सर्वप्रथम स्कुल सुरू करके शिक्षा देने का…
देवनार डंपिंग ग्राउंड की आग
हारून शैख़ यहाँ पे प्रदुषण और गन्दी हवा से तकलीफ कई किस्म की है, लेकिन आदमी बोलता है न की इतना वक़्त है इंसान के पास की सीना खुख्राए. खांसी हो रही है. कहीं चला जाये. किसी आदमी को नोर्मली खांसी भी होती है तो वो बड़े से बड़े डॉक्टर के…
रोहित वेमुला की हत्या : शिक्षण संस्थाओं में लोकतांत्रिक समतामूलक माहौल का आभाव
जैनबहादुर आज के इस आधुनिक लोकतांत्रिक सभ्य समाज में रहते हुए हमारे सामने कभी कभी ऐसी घटनाएँ घट जाती है या फिर घटा दी जाती है जो हमे यह सोचने को मजबूर कर देती है कि क्या हम एक सभ्य लोकतांत्रिक समाज में ही रहते है? ऐसी घटना जिसका परिणाम…
मूतने का चस्का
मनीष बरोनिया पसीने से तेल बना के, चमड़ी की बाती कर ली, और जला के खुद को हमने जिंदगी बसर कर ली….. किवाड़े, खिड़कियाँ, और दीवारे नहीं है, सब खुला पड़ा है, कोई चौकीदारें नहीं है… यूँ बेखबर से, कुछ ढूँढने मत आया करो, मेरा परिवार सोता है, इस फूटपाथ…
रोहित के लिए एक हो रहा हिंदुस्तान !
दि.२७/०१/२०१६ को ‘जस्टिस फॉर रोहित वेमूला- जॉइंट एक्शन कमिटी’ और ‘इंडियन मुस्लिम इंटेलेक्चुअल फोरम’ द्वारा एक पत्र्कार सभा का मराठी पत्र्कार भवन में आयोजन किया गया.
धारावी में राष्ट्र स्वयं सेवक संघ की गुंडागर्दी : मारने के बाद दिया नारा ‘बाबा साहेब अम्बेडकर की जय, जय श्री राम’ का
मुंबई २४.०१.२०१६ : आज शाम सात बजे के आस पास रोहित वेमुला के संस्थानिक हत्या के विरोध में जा रही रैली पर राष्ट्र सवयम सेवक के कार्यकर्ताओं ने मारा पीटी की. करीबन ५०० लोग , जिसमें अनेक विध्यार्थी भी थे, पर पत्थर फेके गए, लाठी से मारा गया, लोहे की…
मालदा हिंसा : एक अपराधिक घटना राज्य के खिलाफ
मालदा की हिंसा, हिंदुओं के खिलाफ नहीं थी। वह केवल पैगम्बर साहब के खिलाफ दिए गए एक वक्तव्य का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुई भीड़ का नियंत्रण से बाहर हो जाना था।
संदूक यादें, लम्हें और आशाओं की – फ्रीडम थिएटर फिलिस्तीन !
५ जनवरी २०१६ को मुंबई विद्यापीठ द्वारा भारत फिलिस्तीन सांस्कृतिक कर्यक्रम का आयोजन किया गया.इस कार्यक्रम में जन नाट्य मंच(नयीदिल्ली) और फ्रीडम थिएटर फिलिस्तीन द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया गया.
है तमाशा ये क्या ! १ अगस्त : अण्णाभाऊ साठे जयंती
जहाँ आज की मीडिया प्रजातान्त्रिक हुकूमत के सामने रेंगती हुई पाई जाती है, जो किसी के शमशान की यात्रा को या तो अनेक रंगों से सबोरती है या अपना कैमरों में ही कफ़न लगा देती है, वो समय जहाँ सरकार कलाकारों से लेकर हर वो स्वतंत्रता के मंजर पर प्रतिबन्ध लगाने…
संघर्ष के ४० साल : पहुँच गए आजाद मैदान मुंबई
महाराष्ट्र के अमरावती शहर में कुछ बड़े इलाको में से एक है बिछु टेकडी. इसमें एकता नगर, तट्टा कॉलोनी, जेल क्वार्टर, सागर नगर, वित्ताभाती परिसर, आंबेडकर पुतला परिसर, नजूल आदि भाग आता है. पिछले ४० सालों से यहाँ के लोग अपने मुलभुत मांगो और हक के लिए लड़ रहे है.
लेंडी बांध प्रभावित ५ दिन चलकर पहुंचे आजाद मैदान
२८ दिसम्बर २०१५ को लेंडी बांध प्रभावित क्षेत्र के लोगो की पैदल यात्रा ५ दिन के बाद आजाद मैदान पहुंची. श्रीमती रजनी पांढरे (अध्यक्ष) और श्री जानू भोरे (उपाध्यक्ष) लेंडी बांध्ग्रस्त संघर्ष समिति की ओर से ग्रामीण वासियों के साथ मैदान में सरकार से बात करने आये. नए निर्माण हुए…
मंडाला के हज़ारो बेघरो का आवास सत्याग्रह क्यों?
मुंबई के 75,000 ग़रीबो के घर तोड़े गए थे, 2004-05 में, वह स्थिति आज भी आँखो के सामने है | चूल्हे क्या, बच्चे भी रस्ते पर आ गए थे और, कहां बढ़े, कहां बीमार, इंसान कुत्तो जैसे गंदे नालो के किनारे लेटे मिलते थे |
राजीव आवास योजना- संतोष थोराट
साल 2004 में, ४५ श्रम बस्तियों को मुंबई में तोडा गया था, जिसके उपरांत घर बचाओ घर बनाओ का नारा लगाते हुए एक आन्दोलन खड़ा हुआ. इस आन्दोलन का सीधा नेतृतव टाटा सामजिक विज्ञानं संसथान के सैम्प्रीत सिंह ने किया और राष्ट्रीय जन आंदोलोन के समन्वय की मेधा पाटकर ने…
गाय तो कटती ही नहीं : ये सब इनके नाटक हैं
लीडिया थोमस विद्यार्थी टाटा सामाजिक विज्ञानं संसथान , मुंबई कुर्ला पूर्व में ,कसाईवाडा जिसे कुरैशी नगर से भी जाना जाता है, वो अनेक खटीक समुदाय का घर है, जिनमें से अधिकतर लोग मुंबई के वधशाला में काम करते हैं. राष्ट्रपति के द्वारा इस २० साल पुराने बिल पर मंजूरी के…
वाराणसी: नुक्कड़ नाटक और पंचायत चुनाव
गाँवों में आगामी पंचायत चुनाव की सरगर्मियाँ अभी से बढ़ गयी हैं। गली नुक्कड़ चौराहों पर अभी से पंचायत चुनाव में ताल ठोकने वाले भावी उम्मीदवार प्रत्याशी मुर्गा,दारू,पैसा,आदि का लालच दिखाकर अपने अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिए हैं। गाँवो में अभी से ही तनाव,गुटबाजी,दिखना भी शुरू हो…
प्रवाल्लिका केस: हिन्जरो के लिए न्याय
जो लोग पुरुष और महिला लिंग के दोहरे मापदंड में नहीं समां पाते, क्या उन्हें समाज में इज्जत से रहने का कोई हक नहीं है ? क्या समाज उन्हें व्यक्तिगत, सार्वजिनिक और राजनितिक जगह दे नहीं सकता ? प्रवाल्लिका कि हत्या १७ जनवरी को हैदराबाद में हुई, जिसके बाद उसके…
आग: मुंबई के विद्यार्थिओं ने किया ठाणे महानगरपालिका का पर्दाफाश
विभिन्न कॉलेजों से छात्र एक्शन और जागरूकता समूह (ए ए जी) नामक एक समूह के गठन से सामाजिक मुद्दों की दिशा में काम कर रहे हैं। इस समूह के छात्रों ने ठाणे महानगरपालिका में आरटीआई दायर की थी। जिससे उन्हें महानगरपालिका की काली करतूतो का पता लगाया जिसका उन्होंने संवाददाता सम्मलेन के जरिए २३ जनुअरी को पर्दाफाश किया।