मेरा जन्म वेस्ट बंगाल में हुआ। पापा की सर्विस लगने के बाद हम धनबाद आ गए। पापा का जन्म आजमगढ़ में हुआ। पढ़ाई-लिखाई सब धनबाद में हुई।मेरे बड़े पापा जो कि आजमगढ़ में ही रहते थे उन्होंने इकलौता और धनी लड़का देखकर 1992 में नौवीं कक्षा में ही मेरी शादी…
Category: वार्तालाप
हाओबम पवन कुमार, मणिपुर फिल्म निर्माता
मनीष जैसल असिस्टंट प्रोफेसर मंदसौर विश्वविध्यालय इम्फाल, मणिपुर के रहने वाले निर्देशक, पटकथा लेखक, प्रोड्यूसर हाओबम पावन कुमार भारतीय सिनेमा के इतिहास का एक ऐसा पहलू अपने साथ लिए हैं जिसे एक फिल्म दर्शक और फिल्म के अद्धेता कभी भुला नहीं पाएंगे । मणिपुरी सिनेमा के हस्ताक्षर अरीबम शर्मा के…
बोलांगीर से चेन्नई: कोरोना के वक़्त एक प्रवासी मजदूर १००० किलोमीटर अपने घर से दूर
मधुसुदन दास -रिपोर्टर द सभा ओडिशा Q…..आप क्वारंटाइन सेंटर कब गए थे, कितने दिन रहे थे और आप कहां से आए थे और क्वॉरेंटाइन सेंटर पर क्या-क्या सुविधाएं आपको दी जा रही थी? A…मैं जुलाई के महीने में क्वरेन्टीन सेंटर पर रहा था और मुझे उन्होंने 7 दिन रखा…
भारतीय अर्थवय्वस्था को दुरुस्त करने के लिए पुरुलिया के सबर समुदाय से सीखना क्यूँ जरूरी है?
एक समुदाय जो एक समय पुलिस से खदेडा जाता था, जिनका गाँव वाले तक बहिष्कार करते थे, आज के समय में क्यूँ जिला कलेक्टर उन्हें ही फोन करके कोरोना महामारी के वक़्त, मदद पहुँचाने को कह रहे हैं? कौन है ये २० युवा, जो अपने समुदाय के बच्चे को पढ़ाते…
पानी डूब जाएगा- असरारुल हक जीलानी
पानी डूब जाएगा पानी डूब जाएगा वक़्त के साथ ज़माने की आग में आरज़ूओं, तमन्नाओं का लुक़मा बन कर प्यास की आग में पानी डूब जाएगा पानी डूब जाएगा किसानो की दुआओं को सुनकर रोती पीटती उनकी आहों पुकार की थपेड़े से आसमान की तरफ तकती उनकी सूखी निगाहों की…
युवाओं का नाट्य समूह करेगा समाज में फैली अराजकता का पर्दा फ़ाश …
नाट्य प्रयोग : ‘WARNING’ (वॅर्निंग) नाट्य की भाषा : हिंदी विषय : भारतीय समाज मे हो रहे अन्याय के खिलाफ हमारा अगला क़दम । विवरण : युवा ग्रूप, वर्धा प्रस्तूत कर रहा है एक अनोखा नाट्य प्रयोग जिसका नाम है वार्निंग- अगर अब भी नहीं जागे तो बहूत देर हो…
एक यूरोपियन महिला का भारत में सफ़र
फ्रंचेस्का बेनेल्ली, एक इटालियन पर्यटक भारत में कई अच्छे लोग हैं जिन पर भरोसा कर दोस्ती की जा सकती लेकिन जो गले पड़ने लग जाए उनसे परहेज़ करने में हे समझदारी है. मेरी अन्दर की महिला पर्यटक को इस अतुल्य देश के शोर गुल , खूबसूरती और भीने इन्सानीयत भरे…
देवनार डंपिंग ग्राउंड की आग
हारून शैख़ यहाँ पे प्रदुषण और गन्दी हवा से तकलीफ कई किस्म की है, लेकिन आदमी बोलता है न की इतना वक़्त है इंसान के पास की सीना खुख्राए. खांसी हो रही है. कहीं चला जाये. किसी आदमी को नोर्मली खांसी भी होती है तो वो बड़े से बड़े डॉक्टर के…
मूतने का चस्का
मनीष बरोनिया पसीने से तेल बना के, चमड़ी की बाती कर ली, और जला के खुद को हमने जिंदगी बसर कर ली….. किवाड़े, खिड़कियाँ, और दीवारे नहीं है, सब खुला पड़ा है, कोई चौकीदारें नहीं है… यूँ बेखबर से, कुछ ढूँढने मत आया करो, मेरा परिवार सोता है, इस फूटपाथ…
संदूक यादें, लम्हें और आशाओं की – फ्रीडम थिएटर फिलिस्तीन !
५ जनवरी २०१६ को मुंबई विद्यापीठ द्वारा भारत फिलिस्तीन सांस्कृतिक कर्यक्रम का आयोजन किया गया.इस कार्यक्रम में जन नाट्य मंच(नयीदिल्ली) और फ्रीडम थिएटर फिलिस्तीन द्वारा एक नाटक प्रस्तुत किया गया.