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शिवाला, वाराणसी: राशन बायोमेटरीक से मिलने पर, न मिलने और संकरमण दोनों का खतरा

३१ मार्च २०२०: शिवाला, वाराणसी में अभी तक कोरोना के चलते कर्फ्यू के बाद भी कोई सरकारी सहायता नहीं. पहुची है. यहाँ जो रिक्शा वाले और टोटों वाले हैं, किसी तरह इधर उधर से राशन जुटा पा रहे हैं.
देहाड़ी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन न होने के कारण उन्हें योगी सरकार की १००० रूपए की धन राशि भी नहीं मिली है.
बहुत सारे लोगों की शिकायत है कि जब से राशन बायो मीट्रिक हो गया है, तब से कुछ न कुछ कारण से उन्हें राशन नहीं मिलता है.
सबसे चिंता वाली बात ये है कि जब बड़ी बड़ी कंपनिया, यहाँ तक की बी.एच.यू. में कर्फ्यू से पहले, ही संक्रमण फेलने की गुंजाईश के कारण बायो मीट्रिक बंद हो गया था, तो फिर सरकार अब इसे इस्तेमाल कर संक्रमण फैलाने पर क्यूँ उतारू है. इससे राशन मिले न मिले बीमारी मिलने का ज्यादा सम्भावना लगता है.
उधर यहाँ के नगर निगम के सभासद पर आरोप है कि वो गिने चुने लोगों को ही मोदी किट बटवा रहे हैं.
लोगों ने ये भी बताया की प्रशासन ने अस्सी घाट और चौराहे पर से लोगों को भेलूपुर के सिनेमा हॉल में रखा है, और वहां जाने पर पता चला कि वो आराम से हैं, और टाइम पर भोजन मिल रहा है.

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