[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=0f0LF5w02IE[/embedyt] नमामि गंगे के सफाई कर्मचारियों से २०१९ में कोरोना महावारी आने से पहले और बाद में बात हुई. चारों तरफ घाटों पे आपको नमामि गंगे का विज्ञापन, उसके साथ आई.एल.ऍफ़.एस. का पोस्टर दिख जायेगा. इन कर्मचारियों का कहना है कि, उन्हें ७००० नकद, प्रोविडेंट फण्ड कट कर मिलता…
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वाराणसी का नागरिक समाज कैसे कोरोना संकट में लोगों के साथ खड़ा है ?
बनारस से भाकपा-माले,नागरिक अधिकार मंच,युनाइटेड अगेंस्ट हेट, ऐपवा,इंसाफ मंच ऑल इंडिया सेकुलर फोरम ,आइसा , बीसीएम और एआईएसएफ से जुड़े कार्यकर्ता गांवो और मुहल्लों में जाकर ऐसे परिवारों को राहत सामग्री(राशन,फ़ूड किट)प्रदान कर रही है* । संपर्क न.9935498587-मनीष7800600065-शशांक9451307656 – विवेक7652025152- आबिद9554153160 – शशिकांत जो साथी आर्थिक मदद करना चाहते हैं…
वाराणसी के गांवों में कर्फ्यू के दौरान क्या राशन सब को मिल रहा है?
०३ अप्रैल २०२०. वाराणसी के रमना गाँव के लोगों का राशन वितरण को लेकर अनेक शिकायत.
शिवाला, वाराणसी: राशन बायोमेटरीक से मिलने पर, न मिलने और संकरमण दोनों का खतरा
३१ मार्च २०२०: शिवाला, वाराणसी में अभी तक कोरोना के चलते कर्फ्यू के बाद भी कोई सरकारी सहायता नहीं. पहुची है. यहाँ जो रिक्शा वाले और टोटों वाले हैं, किसी तरह इधर उधर से राशन जुटा पा रहे हैं.देहाड़ी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन न होने के कारण उन्हें योगी सरकार की…
वाराणसी में कोरोना कर्फ्यू : बी.एच.यू के आगे, बूढ़े रिक्शा वालों को रोटी के बदले, पुलिस की लाठी
२५ मार्च, २०२०: वाराणसी में कोरोना कर्फ्यू : बी.एच.यू के आगे, बूढ़े रिक्शा वालों को रोटी के बदले, पुलिस की लाठी. बहुत सारे रिक्शा वाले बूढ़े हैं, जो रोज का रोज २००-२५० मुश्किल से कमा पाते हैं. उनके पास राशन नहीं है. प्रशासन उनको काम करने नहीं दे रहा और…
कोरोना कर्फ्यू, वाराणसी में रामनगर पुल के पास : देहाड़ी मजदूरों को राशन नहीं पंहुचा रही सरकार
वाराणसी में रामनगर पुल के पास, ३० साल से ऊपर से बैलबांस समुदाय रह रहा है. इनके रहते गैर कानूनी ढंग से जज साहब का बंगला बन गया, सन बीम स्कूल बन गया. ये यहीं पर रह गए.अधिकतर लोग देहाड़ी मजदूरी करके अपना जिंदगी गुजरते हैं. अभी इस समय कर्फ्यू…