धारा १४४ का इस्तेमाल पहली बार भारत में अंग्रेजो द्वारा १८६१ में किया गया था, जो कि आज़ाद भारत में १९७३ को कानूनी रूप में ढला. इसका उस समय भी इस्तेमाल आज़ादी की मांग को लेकर संगठित होने वाले लोगों के खिलाफ किया जाता था, ताकि अंग्रेजी हुकूमत बरक़रार रहे.
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कानून और न्याय
‘भटके विमुक्त जनजातियों’ के अच्छे दिन कब आयेंगे ?
सन् १९०० में ब्रिटिशों ने हिनुस्तान में छोटी-बड़ी संस्थानों (राज्य) को हटाकर अपनी हुकूमत कायम की. उस दौरान किसान, आदिवासी, भटके विमुक्त जनजाति और पिछड़े वर्गों को बड़े पैमाने पर सताया गया. उसके परिणाम सवरूप अंग्रेजों के खिलाफ १८५७ के उठाव में बिरसा मुंडा, तांत्या भील और उमाजी नायक के नेतृतव में विद्रोह उमड़ा. लेकिन अंग्रेजों के द्वारा इन आवाजों को दबाया गया.