Wed. Nov 27th, 2024

मोदी / ओबामा = नमो / गूंतानामो

modi obama

भारत और अमेरिका का प्रजातंत्र कुछ मायनो में मिलता है, जिनमें एक तो यही है कि अपने आँगन की आजादी को कुचल के, उसे देश की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की सुरक्षा का नाम देना. नजरबन्द में मणिपुर की इरोम शर्मीला, अमेरिका की जेल गूंतानामो खाड़ी और विकि् लीक्स के जूलियन असान्ज इन्ही ढकोसलों के प्रतीक हैं.

इरोम शर्मीला, मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, जो पूर्वोत्तर राज्यों में लागू सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम, १९५८ को हटाने के लिए पिछले एक दशक से भी अधिक समय (4 नवम्बर 2000 ) से भूख हड़ताल पर हैं. कोर्ट के कहने के बावजूद उन्हें हाल ही में दुबारा हिरासत में लिया गया. प्रशाशन ने उन्हें बिना किसी जुर्म के बंदी बना के रखा हुआ है.
गुवंतानामो खाड़ी, एक अमेरिका द्वारा चलाई जा रही जेल, जहाँ कैदियों पे अनेक अत्याचार किया जाता है. मानव अधिकार का धिन्डोरा पीटने वाला अमेरिका यहाँ हर अधिकार की तोहीन करते हुए, इसे चलाये जा रहा है. आज के स्वतंत्र युग में ये काला पानी के सामान है. केदियों को डराना, धमकाना, उनपे पेशाब करना और उन्हें जबरदस्ती पाइप से नाक में खाना ठूसना, एक आम बात है. मानव अधिकार के नाम पे बम बारी करने वाला अमेरिका, अपने ही आँगन में दुसरे देश के केदियों पर और पूरे विश्व में प्रजातंत्र का ढकोसला सुनाते रहा है.

जूलियन असान्ज, विकिलीक्स के मुख्य चेहरे जिन्हें २०१२ से इक्वेडोर के दूतावास में रहना पड़ रहा है,क्यूंकि बाहर निकलते ही उन्हें अमेरिका हिरासत में ले सकता है.जूलियन ने काफी ख़ुफ़िया दस्तावेज सार्वजिनिक रूप में उपलप्ध कराई थी, जिससे पता चला था कि अमेरिका कैसे दुसरे देशों में जबरदस्ती अपनी निजी जरूरतों के कारण हमला करता है.

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *