प्राजक्ता कदम
तो आपका नाम क्या है?
अशोक यादव ।
हां, तो आप कहां से हो?
मैं यूपी का हूं।
आप या आप मुंबई में कितने साल से हो?
लगभग 15 साल हो गए हैं।
आप क्या करते हैं मुंबई में?
अब मैं फेरी का काम करता हूं।
मतलब क्या ?
मच्छी का
अच्छा तो आपके घर में कौन कौन है?
हमारे घर में दो लड़की एक लड़का मैं ,मेरा बीवी इधर रहते ।
इधर रेहते हैं या सारे गांव में ?
नही इधर रहते है। अभी तो फिलहाल बच्चे गांव गए है छुट्टी मैं ।
अच्छा तो आप ये काम कितने समय से कर रहे हैं?
लगभग 15 साल हो गए होंगे।
15 साल हो गए तो एक 10 साल पहले आपका लाइफ कैसा था? मतलब आज आप जिसे मच्छी बेच रहे हो, उसमें क्या फर्क था?
मैं वही शुरू से आया जब से बंबई मैं आया हू वही काम कर रहा हूं। एक ही काम किया।
अच्छा तो मतलब कुछ अलग हुआ है ?अभी कुछ थोड़ा चीजें अलग है, पहले अलग थी ?
नही हमारे देखने में तो जो मैं पहले मेहनत करके खाता था, अभी वैसे ही कर रहा हूं, वैसे ही खा रहा हूं।
कुछ बदल नही हुआ है?
अभी कुछ नहीं है, अभी तो मेरा कुछ चेंज नहीं है।
तो अभी अब आपको क्या लगता है 10 साल में चेंज होगा? आपके लाइफ में कुछ अलग होगा?
अभी तो सोच भी रहा हूं, लेकिन आगे चलकर भी देखो क्या होता है। अभी तो कुछ फर्क नहीं पड़ा। वही जो हो रहा है, सब वही है।
अभी इलेक्शन आ रहा। आप यहां पर वोट करोगे ?
अभी मैं इलेक्शन शायद ट्वेंटी फाइव को हैं। इधर ट्वेंटी को इधर। उधर तो अभी नहीं है। शायद मैं गांव में सोच रहा।
गाव मैं वोट करोगे?
हां, गांव में जाकर वोट करूंगा।
तो अभी पिछला गवर्नमेंट था तो आपके गांव में , मुंबई में तो उन्होंने ऐसा कोई डिसीजन लिया जो आपको लगता है कि अच्छे है? आपके परिवार को आपको उसका उपयोग हुआ है अच्छी तरह में बुरे तरह में?
तो उसमें अभी गवर्नमेंट जो भी कर रहा है, अपने लिए अच्छा ही कर रहा है। अभी उसमें मैं क्या बोलूं? जो किसका नसीब क्या किसको कौन आता है, कौन नहीं आता उसका तो कुछ जो भी गांव में थे आप तो गांव में कोई पॉलिटिशियन या फिर गवर्नमेंट ने उधर आपके घर वालों के लिए कुछ अच्छा किया ?रस्ते, लाइट पानी ?
हां पानी भी गांव में अच्छा है। लाइट भी टाइम से मैंने पहले नहीं था तो अभी है। लाइट भी है। बाकी सब।
सड़क वगैरा ?
हां, सड़क भी ठीक है। सब अच्छा है गांव में।
हां प्रोगरेस ठीक है ?
पर हुआ है। 10 साल से पहले भी अच्छा है?
हां अभी ठीक है। सब तो ठीक है। हमारे गांव में वैसा ।
अलग सा तकलीफ नहीं है कि लाइट नहीं है ?
नए लाइट पानी सब है अच्छे से।
पहले भी था ऐसे ?
हां पहले भी लाइट नहीं था लेकिन अभी लाइट का ठीक हो गया। लाइट है अभी ।
तो इधर मुंबई में आपको कैसा लग लगता है? तब पहले नहीं था, अब भी है ?
मुंबई में मैं जभी से आया जो काम किया, वही काम अभी भी कर रहा हूं। अभी लगभग 15 साल से हो गया। मैं जो काम में लगा, वही काम मेरा काम है । उसके बाद में तो कुछ काम मिला ही नहीं तो मैं किया भी नहीं हूं।
हां, तो अभी अभी इलेक्शन में जो खड़े हैं ,इधर है या फिर आपके गांव में तो आपको क्या लगता है उन लोग से आप लोगों को कैसा सपोर्ट मिलना चाहिए फैमिली को, आपके बच्चों को ?
मैं तो चाहता हूं कि गवर्नमेंट सबको यह अच्छाई दे। सपोर्ट भी दे। हर एक चीज के लिए अच्छा सुविधा भी मिले। वही सब होना चाहिए ।
और ऐसा कुछ स्पेसिफिक है? मतलब जो आपको लगता है कि बदलना चाहिए? गांव में और मुंबई में दोनों जगह पैसे कोई एक चीज है जो आपको लगता है कि बदल देनी चाहिए गवर्नमेंट ने ?
गवर्नमेंट अभी बदलेगा, अच्छा ही करेगा। वैसे तो महंगाई काफी बढ़ चुका है। अभी गरीब के लोग। हम लोग के लिए जैसा फेरी का काम है, बिजनेस कुछ वैसा तो बढ़ा है नहीं है। तो हम लोग के लिए महंगाई तो काफी लग रहा है। महंगाई की वजह से हम लोग परेशान है।
तो महंगाई बदल देनी चाहिए?
महंगाई तो थोड़ा बहुत बदलना चाहिए। थोड़ा सस्ता हम लोग के गरीब के लिए भी ठीक है। बड़े लोग के लिए तो ठीक है, चलता है वो लोग को कुछ फर्क नहीं पड़ता है। हम लोग के लिए तो महंगाई भारी पड़ता है।
अभी आप मच्छी बेचते हो तो मच्छी बेचने के इसमें आपको बिजनेस है आपका स्मॉल बिजनेस है पर है। तो उस बिजनेस में आपको क्या लगता है कि गवर्नमेंट ने उसके लिए क्या करना चाहिए?
अभी जैसे मैं फेरी पर करता हूं तो गवर्नमेंट से यह हम मांगता हूं कि हमको कहीं जगह मिल जाए,बैठने का हो जाए तो और अच्छी बात है।
और आपको क्या लगता है कि जो भी अभी पावर में आएगा उसको और कैसा इंप्रूवमेंट का है ना एक स्कोप की और कुछ चीजें बदल सकते हैं, प्रोग्रेस हो सकती है गांव में या फिर मुंबई में ?प्रोग्रेस होनी चाहिए ना और ?
होनी चाहिए ना होगा तो और अच्छी बात है।
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आपका नाम बताओ?
मीना सरोज।
आपका कहा रहते है?
श्रीनगर वारलीपाडा।
अच्छा तो अब ये फ्रूट का बिजनेस कितने साल से कर रहे हैं ?
मेरा कोई 19 साल हो गया हो गया।
तो एक 10 साल पहले जब आप फ्रूट्स का बिजनेस करते तब भी और आज में क्या फर्क है? मतलब 10 साल पहले भी आप कर रहे हो ना 19 साल से तो पहले पहले क्या फर्क था और अभी क्या? क्या चेंज हुआ है?
चेंज माहोल ही चेंज हो गया है। पहले तो जो माहौल था वह अच्छा था। जैसा कि सस्ता था तभी भी उसमें बरकत था। अब भी लोग इतना मेहनत कर रहे हैं, तभी वे अपने खाने को पूर्ण बनाएं। लोन कर्जा हो ही जा रहे हैं।
अच्छा तो मतलब बिजनेस अच्छे से हो नहीं रहा ?
अभी धंधे वाले बहुत हो गए। पहले ऐसा श्रीनगर में दो चार धंधे वाले थे। अपना था। अब भी माल खाना जीना भारी है। पहले इसी धंधे से मैंने दो घर लिया। अच्छे से मेरा चलता है। खाली खाने जीने। ने एक लड़की की शादी की या लोन लेकर शादी किया। रूम दोनों गिरवी रख दिया। पहले से मतलब यह डाउन है।
अच्छा यह आपको पहले से ही है और अभी इलेक्शन आएगा वोट करोगे ना?
वोट तो माने हम वोटिंग करते है।
आप कहा से हो ?
मैं यूपी के जौनपुर से अच्छा हूं तो अभी इलेक्शन आएगा। तभी जो भी।
जीतेगा, जो भी सरकार आएगी तो उनसे आपको क्या अपेक्षा है?
अभी देखो क्या हम तो सामने से मांग नहीं करेंगे। वह जो माने तो भी करते हैं। पब्लिक की सेवा करते हैं। वही सबकी खुशियां अपना भी होती है।
जो जो प्रॉब्लम्स सबको दिखते हैं सब बहुत बड़ा प्रॉब्लम ऐसा आपको क्या लगता है? कौन सा एक प्रॉब्लम है जो एक दो प्रॉब्लम आपको लगता है कि सरकार ने ठीक करना चाहिए?
अब देखो। महंगाई के हिसाब से महंगाई थोड़ा कम करना चाहिए, क्योंकि पब्लिक का पगार पानी उसी जगह पर है, पब्लिक के पगार पर नहीं। उसी जगह पर है। जबकि पब्लिक में पगार नहीं बढ़ता। धंधा कहां से बढ़ेगा। सब मामले की। शांति रहना चाहिए ना।
आपका जो भी बिजनेस है, उसके लिए क्या करना चाहिए? गवर्नमेंट ने आपकी जो बिजनेस के अभी मैंने बहुत लोगों से पूछा तो उन्होंने कहा कि उनको जगह चाहिए अच्छी जगह।
हम लोग को भी अच्छी जगह चाहिए क्योंकि अभी बोले हैं कि रोड बड़ा होगा, चौड़ा होगा, बिल्डिंग बनेगा तो क्या मालूम हम लोग के रहने देंगे कि नहीं रहने देंगे तो भी हम लोग दुखी रहेगा। अभी हम तो धीरे धीरे हमारे में डर हे। हमको खिलाने पिलाने वाले नहीं है तो हमको भी सपोर्ट चाहिए। हां वो भी सही बात है।
तो आप लोग अपने घर पर गए हैं। लड़का है मानेंगे कि नहीं मानेंगे? करें कि नहीं करेंगे अपना। जब तक ताकत है तब तक ले करना चाहिए ना।
गवर्नमेंट जगह देनी चाहिए। बिजनेस के लिए देना चाहिए ?
और अभी देखो गवर्नमेंट का स्कीम्स आता है। आपको पता है स्कीम अलग अलग स्कीम है। यह योजना, वह योजना । प्रधानमंत्री सहायता योजना आता को पैसे मिलते हैं या फिर कुछ मदद मिलती है?
मदद मिलती है वह मिलने वाला नहीं उस समय तक अपने को। पढ़ाई लिखाई नहीं है, जनकारी नहीं तो फिर उसमें क्या घुसने का ।आपको
स्कीम्स तो पता रहती रहेंगी कि ?
पता है जैसे हम अभी लोन के बारे में यह सब निकलता है। जब अपने को औकात नहीं लोनभरने की तो फिर क्या है उसमें घुसने का है।
नहीं, क्योंकि कभी कभी क्या है जैसे आपने अपने दो घर लिया तो जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना में रहता है कि आपको घर के ऊपर कर्जे में जो इंटरेस्ट बढ़ता है वह कम रहता है। ऐसा स्कीम आपको पता था?
नहीं, वह सब नहीं।
मतलब स्कीम समझ। मतलब पता ही नहीं चला ?
नहीं पता ही न चला। मेन बात को हमने पढ़ा नहीं है तो हमको यह सब दुनियादारी मालूम है नही जो हमको आपको पता चलना चाहिए।
अगर आपका फायदा हो रहा हो ?
क्या फायदा उसके लिए भागदौड़ करो। अगर अपना चीज छोड़कर चक्कर मारो तो होइएगा कि नहीं होगा तो उससे जहां पर अपने को भागदौड़ करने को इतना यह नहीं रहता है किसके लिए जो फ्री फंड है। इधर बोला तो उधर जा सकते आ सकते हैं। अपने को सब हो नहीं सकता तो फिर वह सब से क्या रखने का क्या मतलब।
बहुत तकलीफ होते वह मिलने के लिए। तो इसके लिए आप नहीं कर रहे हैं?
नहीं करते तो भी कोई भी।
पिछली सरकार थी या फिर अभी जो नया सरकार आयेगा तब लगता है कि जो चीज से जो बेसिक चीज से छोटी छोटी बातें करने से अच्छा पानी पीने के लिए, लाइट, अच्छे रस्ते वो सब आपको लगता है ऐसा ऐसा क्या चीज है जो आपको सही है?
देखो अभी जो पब्लिक के जो है वो अपना भी है
आपको क्या लगता है? जैसे अपने आप में बोलकर आपको बिजनेस के लिए जगह चाहिए ?
बिजनेस के लिए जगह। मैं सब धंधे वाले को जगह मिलेगा तो अपनों को भी जगह चाहिए तो सब धंधेबाज । हां। सबके लिए, सबके लिए चाहिए तो अपने को भी चाहिए। सबका नहीं रहेगा। मैं है तो वही रहेगा। हां,यही। और।
क्या किसान भी सरकार से मांग सकते हैं सरकार क्या? पहले तो बोला था कि यह फार्म भरो घर मिलने वाला है, मेरा कुछ नहीं। 100 100 कर, लाइन लगाकर सब लोग धरे तो क्या जो था वो भी गया।
ये स्कीम फंसाती भी है कभी कभी ?
कभी कभी क्या होती है सब । जिसको जरूरत है उन तक पहुंचती भी नहीं है। कभी कभी हम पहुँचते। नहीं क्योंकि हम पहुँच ही नहीं पाते। हैं। किधर मीटिंग हुआ, किधर क्या हुआ यह अपने को जानकारी भी नहीं मिलता। पहुंचे नेता आते हैं अपना जिसको जरूरत है उन तक पहुंचती भी नहीं है। कभी कभी हम पहुँचते। अपना से अपने घर पर गया। खाया नाया सोया फिर आया अपना इधर पिया फिर गया सोया। बाकी अपने दुकान को इतना दुनियादारी मतलब ही नहीं है न जानकारी है। मेन जानकारी नहीं थी। किधर जाने की धरा ने उसके लिए अपने जगह पर खड़ा रखा।
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आपका नाम क्या है?
मेरा नाम नीरज सरोज |
को आप यहां। मैं मुंबई में आया। मुझे आए 11 महीना हो गया।
और आप पहले क्या करते थे? आप कहां से हो ?
मैं यूपी
यूपी में आप क्या करते थे?
यूपी में पढ़ाई बढ़ाई या फिर उसके बाद? मैं अपने घर पर था तो फिर काम की तलाश में मैं मुंबई आया।
घर पर आपका फैमिली है? शादी हुई है?
नहीं |
आपकी भाई बहन है?
हां, भाई बहन है । मम्मी पापा हैं।
अभी से आपने स्टार्ट किया है बिजनेस ?तो आप 10 साल पहले आपका लाइफ कैसा था और अभी कैसा है? क्या फर्क है? 10 साल पहले आप क्या करते थे?
पढ़ाई करता था। पढ़ाई करने के बाद फिर मैं । जॉब की तलाश में था तो यूपी में उतना वो नहीं है। इसके लिए मैं मुंबई आया।
बेरोजगारी है ?
बेरोजगारी है।
इसके लिए आप मुंबई आए ?
तो यहां पर आया तो मैं धंधा कर रहा हूं।
तो अभी इलेक्शन है आप आपको अभी जो कैंडिडेट सिलेक्ट होंगे या फिर जो गवर्नमेंट आएगी उनसे आपको क्या अपेक्षा है?मतलब उन्होंने क्या चेंज कर ? चेंजेस का मतलब जैसे मुंबई मे आपके गांव में हो। क्या होना चाहिए ?
मेरे कहने का मतलब अभी तो मैं यहां हूं। खुला तो यहां। मैं सोचता हूं मैं धंधा कर रहा हूं। जैसे प्रॉब्लम होता है कि रोड पर धंधा है मेरा तो म्युनिसिपल का प्रॉब्लम होता है और चीजों का को प्रॉब्लम न हो, ज्यादा परेशान न किया जाए।
यही सब और क्या? और आपके गांव में ?
मेरे गांव में।
क्या चेंजेस होने चाहिए ? मतलब अगर अगर इलेक्शन में अभी जो भी जीतेगा तो?
मेरे गांव में तो बहुत बेरोजगार लोग हैं। मैं चाहता हूं उनको रोजगार मिले।
जो फैसिलिटी यहां पर है वही फैसिलिटी मेरे गांव में बेरोजगारी हो । रोजगारी हो |
और आपके भाई बहन पढ़ रहे ?
पढ़ चुके हैं|
पढ़ चुके हैं तो उनके लिए आपको क्या लगता है कि क्या होना चाहिए कि उनको पढ़ाई में, कुछ कॉलेजेस में या फिरक्या चेंज होने चाहिए? कैसे इम्प्रूवमेंट क्या चेंजेस होने चाहिए? जैसे आपने पढ़ाई यूपी से की? तो उधर पढ़ाई के बारे में क्या बदलाव होनी चाहिए। अगर अगर अभी जो भी पार्टी आई है तो फिर वह एजुकेशन के इसमें क्या चेंजेस होने चाहिए ?
यह एजुकेशन का चेंजेस का मतलब यह है कि एजुकेशन तो ठीक ठाक है। फिलहाल वहां पर जैसे जॉब के लिए कंपनी फैक्ट्री है सब नहीं है। तो यह सब जो यहां पर जो लोग महाराष्ट्र में आना चाहते हो वह फैसिलिटी वहां पर रहे तो क्यों आएंगे। यह सब होना चाहिए।
और अगर मुंबई में कुछ चेंजेस अभी आप यहां रह रहे तो आपको लगता रहेगा कुछ चेंजेस होने चाहिए ?
तो चेंजेस का मतलब मैं तो बताया अपना प्रॉब्लम। हां तो अभी जो कर रहा है तो उसी के बारे में बताएगा ना।
आप अभी थोड़े पांच सात साल पहले जब और गवर्नमेंट थी तो तभी कुछ चेंजेस हुए जो आपके लिए बहुत फायदेमंद थे या फिर जिसे आपको नुकसान पहुंचा जैसे आप बोल रहे थे स्टॉल लगाते हो, एजुकेशन में या आपके घरवालों को तकलीफ हुई उस चीज से या फिर फायदा हुआ ?
नही |
और स्पेसिफिक आप जैसे बिजनेस के लिए, स्मॉल बिजनेस के लिए गवर्नमेंट ने स्पेसिफिक क्या करना चाहिए? आपको क्या लगता है कि स्मॉल एक दो चीजे बिजनेस वालों के लिए ? जैसे आपके लिए कोई फिक्स जगह जहां से आपको कोई उठाए ना।
हां हां वो होनी चाहिए। ये सेवा होनी चाहिए। परेशान न किया जाए। बार बार जिसे मुनसिपालटी से भागना पड़ता है। यह सब यह सब न हो तो आप ।
अपना बिजनेस ग्रो करना चाहते हैं और पांच साल में आप क्या लगता है और आपको क्या चेंज करने खुद में, अपने बिजनेस में ?
इसको बढाना है |
और उसके लिए आपको गवर्नमेंट से हेल्प हेल्प चाहिए और अगर आप गांव में जैसे आप पहले गांव में रहते थे तो वहां पर लाइट पानी सब था ठीक से ?
नहीं था। अभी तो जब से सरकार आई है थोड़ा थोड़ा। चेंज हो रहा हो रहा है। अभी पानी का भी सुविधा हो रहा है। लाइट भी बराबर आ रही है।
ओके। और रस्ते सड़क ?
सड़क का भी मतलब सुविधा काफी हो गया है।
और अभी अभी अभी देखिए महंगाई बहुत बढ़ गया तो उसके ऊपर आपको |
महंगाई बढ़ रही है तो पेमेंट भी तो बढ़ रहा है लोगों का |
तो आपको कुछ प्रॉब्लम नहीं है?
महंगाई बढ़ गई है तो महंगाई बढ़े तो लेकिन लोगों का पेमेंट भी तो बढ़ रहा है। तो उस हिसाब से देखा जाए तो सबसे।
सब है जो वे करते थे। बीगारी ₹200 था, अभी ₹500 है। महंगाई बढ़ रही है
तो पेमेंट बोले तो आपका सबसे कहना है कि यह है कि रोजगारी यूपी में होनी चाहिए ?
हां, हां होगा तो फिर हम लोग क्यों यहा आएंगे?
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आपका नाम क्या है?
उदय चंद, जवाहर लाल गुप्ता ।
अच्छा तो आप कहां से हो?
मैं यूपी से हूं। प्रॉपरली यहां पर ही रहता हूं।
इतने सालों से आपका ये बिजनेस है?
28 साल हो गए हैं।
अच्छा तो। इधर कौन कौन रहता है? आपकी फैमिली की तरह यहीं रहते थे। मुंबई में शिफ्ट कब मतलब वहां से यूपी से कब आए थे?
मतलब हमारे पापा बहुत पहले से आए थे। प्रॉपरली इधर तो हम यहां पर हमारा मुलुंड में पैदाइश हुआ था।
तो अभी इलेक्शन आ रहा है। तो कुछ सवाल है , 10 साल पहले, अगर आप देखो तो 10 साल पहले और अभी क्या फर्क है? आप बिजनेस करते हो तब क्या फर्क हुआ है?
डिफरेंट डिफरेंस है। चीज महंगा हुआ, कस्टमर कम हो गए। बाकी और कोल्ड ड्रिंक में बहुत से आइटम निकल गए। इसलिए नॉर्मली बिजनेस कम हो गया।
तो 10 साल पहले बहुत अच्छा था ?
तभी फिफ्टी परसेंट थी, क्योंकि कोल्ड ड्रिंक्स का डिमांड ज्यादा है। सीजन में। पैकेज आइटम थोड़ा ज्यादा डिमांड है। फ्रेश इसके फ्रेश के लिए डिमांड कम हो गया है।
अभी अभी इलेक्शन आ रहा है तो आपको लग रहा है कि कोई पार्टी, कोई भी गवर्नमेंट आएगा तो उनसे आपको क्या क्या एक्सपेक्टेशन से क्या इम्प्रूव करे ?
नॉर्मली प्रॉपरली सरकार चला सके। बस बाकी जो है छोटे मोटे लोगों का प्रॉब्लम |
बिजनेस के लिए क्या चेंज?
बिजनेस के लिए तो नॉर्मली कुछ नहीं कर सकते। हमारा बिजनेस जो खेती के ऊपर डिपेंड है। बारिश अगर हुई का माल अगर हो गया तो हमारा बिजनेस चलेगा। माल अगर कम जाएगा तो पेमेंट बहुत बढ़ जाएगा। तो फिर माल का प्रॉब्लम नहीं है।
ऐसा कुछ अलग, थोड़ा सा आपका खुद का स्टोर होना चाहिए या फिर एक जगह जहां से आपको कोई तकलीफ न हो?
ऐसा कुछ नहीं। ऐसा तो अभी कुछ प्रॉब्लम नहीं हुए।
और आपकी फैमिली के लिए सात आठ साल पहले जो गवर्नमेंट थी, जो स्कीम्स आए, उससे आपको कुछ बेनिफिट हुआ है?
बेनिफिट तो नॉर्मली नहीं है। मुझे खुद लगता नहीं कि मेरे को बेनिफिट कुछ हुआ है।
आपके फैमिली को, बच्चों का एजुकेशन में ?
एजुकेशन तो नॉर्मल ही जाता है। वह तो
अच्छा तो फिर ऐसा स्कीम्स वगैरह से बेनिफिट नहीं हुआ?
अभी तक स्कीम्स कुछ लिया ही नहीं गया यहां पर|
आपको पता नहीं था या फिर ?
पता था, लेकिन अभी लोकल एलाउड हुआ ही नहीं तो आया ही नहीं तो कुछ हुआ नहीं।
अच्छा तो आप के गांव में ….?
गाव के बारे में कुछ बता नहीं सकता क्योंकि हम यहां पर रहते, जाते नहीं ।
मुम्बई में कुछ और चेंजेस इसके अलावा मुंबई में आपको लगता है कि चेंज होने चाहिए सड़क या फिर कुछ और?
सड़क तो ठीक है लेकिन कई कई खड्डे एसे है कि थोड़ा प्रॉब्लम हो जाता है। बाकी पानी का तो प्रॉब्लम है ही नहीं। उतना पानी नॉर्मली आ रहा है |बाकी सब अच्छा है |
आपको कुछ तो चेंज होना चाहिए अज अ पर्सन की गवर्नमेंट तो कुछ एक्सपेक्टेशन रहेगा कि वह चेंज करे।
कोई चीज ऐसा है कि हर एक नाके पर जो दो चार छोकरे खड़े रहते हैं, भाईगिरी, टपोरी यह सब तो थोड़ा सा नॉर्मल उनको पर ध्यान दीजिए। बस बाकी और नॉर्मल बिजनेस में भी हमको कुछ तकलीफ नहीं। इधर भी कुछ तकलीफ नहीं है। कोई टपोरी नहीं आता, कोई कुछ नहीं है। धंधे में भी इनको कुछ तकलीफ नहीं। किसी का भी कुछ तकलीफ नहीं है। कोई भी पार्टी। ऐसा कुछ नहीं कि हमको धंधा मत लगा। करके 28 साल से कर रहे हैं। पहले तकलीफ था 15 20 साल पहले। अभी नहीं तो एकदम से नहीं है। लेकिन जो है दो चार छोकरे लोग है तो थोड़ा सा कभी कभी तकलीफ हो जाता है।
मतलब 15 साल पहले थोड़ा सा तकलीफ था। अभी नहीं चेंज हुआ ना ?
लेकिन अभी भी है। थोड़े छोकरे कभी कभी आ जाते हैं तो थोड़ा तकलीफ हो जाते हैं।
आगे पांच सात साल, पांच 10 साल में। आपको क्या लगता है कि आप का बिजनेस ग्रो का?
बिजनेस का नॉर्मली चांस कम लग रहे ग्रो होने के लिए, क्योंकि जो फ्रूट आइटम जो है यह नॉर्मली जल्दी कोई आपसे एक्सपेक्ट नहीं कर रहा है । सब कोल्ड ड्रिंक, पैकेज, आयटम सब उसको बड़ी डिमांड ज्यादा है। ₹10, ₹20 में सब पैकेज आ रहा है तो सब उसको डिमांड करें। इसको भी नॉर्मली ।
आपके बच्चे, बेटी?
दो लड़के दो लड़का हो गए, ग्रेजुएशन हो गया। दूसरा एनीमेशन कर रहे हैं।
तो उनके लिए आपको क्या लगता कि वह अभी थोड़े समय बाद ?
उनका ग्रेजुएशन हो गया। बाकी वह अपना जॉब देखे ।
उनके लिए कुछ चीजें अभी से होनी चाहिए। मतलब बोलते हैं जो आपको नहीं मिला गवर्नमेंट की तरफ से या फिर कैसे बोल सकते कि एंप्लॉयमेंट जो रहती है, रोजगारी जो कम है तो उनके लिए बढ़नी चाहिए या नहीं?
बढ़नी तो चाहिए, क्योंकि अभी मैं भी दो महीने से ट्राई कर रहे हैं कि अप्लाई हो नहीं रहा है। उसका बीएसी किया है डिग्री ,अभी अप्लाई किया है और दो तीन जगह कॉल आएगा तो |