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भारत
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दाढ़ी : घर :: मीडिया : सरकार
दिल्ली के दिल कनौट प्लेस में 25 जनवरी, 2010 का वो दिन भुलाये नहीं भूलता, जब मुझे बगल में बैठे एक पुलिसवाले ने मानो आतंकवादी घोषित कर ही दिया था, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं अपने साथ लद्दाख के एक होटल का कार्ड लेकर चल रहा था. जम्मू और कश्मीर में…
कानून और न्याय
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भारतीय अर्थवय्वस्था को दुरुस्त करने के लिए पुरुलिया के सबर समुदाय से सीखना क्यूँ जरूरी है?
एक समुदाय जो एक समय पुलिस से खदेडा जाता था, जिनका गाँव वाले तक बहिष्कार करते थे, आज के समय में क्यूँ जिला कलेक्टर उन्हें ही फोन करके कोरोना महामारी के वक़्त, मदद पहुँचाने को कह रहे हैं? कौन है ये २० युवा, जो अपने समुदाय के बच्चे को पढ़ाते…