Mon. Dec 23rd, 2024

चीन हाल की स्मृति में दुनिया का सबसे ख़राब प्रदर्शन कर रहा है नसलवद के रूप में, जिस्मे वो उईघर के खिलाफ नरसंहार के माध्यम से उनकी संस्कृति, भाषा, परंपराओं और जीवन के तरीक़े को मिटाने के इरादे से उन्हें इखट्टा किया जा रहा है जिनमे से लाखों लोग कॉन्सेंट्रेशन काम्प्स में पीड़ित है। लगभग दो दर्जन अक्टिविस्टस समूहन ने कहा है कि चीन के शिनजियांग क्ष्ट्र में ज़्यादातर मुस्लिम उईघरो के ख़िलाफ़ नरसंहार हो रहा है। 

नरसंहार इंसानियत के ख़िलाफ़ होने वाला सबसे बड़ा जुर्म है। ये एक ऐसा जुर्म है जो लोगों के पूरे समूह के ख़िलाफ़ होता है, उनके समोहिक विनाश और अस्तित्व से बाहर निकालने के प्रयास में। भारत में कुछ २०० मिल्यन मुस्लिम है, दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी, जबकि भारत एक प्रमुख हिंदू देश है। भारत में मुस्लिम की आबादी १५% है, जिनमे से अधिकतर सुन्नी है। 

गुजरात में मुस्लिम समुदाय २००२ के दंगे के बाद परिणाम स्वरूप आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारो के गम्भीर अभावों को झेल रहे है। एक रिपोर्ट से पता चला है कि मुस्लिम व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओ को महत्वपूर्ण अधिकार नहीं मिलते, जैसे की काम करने का अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और भेदभाव का पर्याप्त मानक। 

जम्मू और कश्मीर, देश का एक मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य, को पिछले ऑगस्ट उसकी स्वायत्तता चीन ली गई थी और तबसे इससे बंद कर दिया गया है। कुछ गवाहों के अनुसार, बड़े पैमाने पर हिरासत और यातना नया मनाक है। १५० दिन के लिए, सरकार ने राज्य की विशेष स्तिथि को रद्द कर दिया, इंटर्नेट काट दिया और केवल एक डिग्री तक सीमित कर दिया। 

बिहार के राज्य में, 2018 में एक योजनाबद्ध साम्प्रदायिक दंगे के कारण एक तिहाई हिस्सा आग में झोंक दिया गया था। राज्य के कई हिस्सों में राम-नवमी के बाद एक सप्तह में साम्प्रदायिक झड़पें हुई, जो भाजपा, RSS, और बजरंग दल के सदस्यों द्वारा बिना अनुमति के जुलूस निकालने के बाद भड़क उठे। एक हफ़्ते बाद, राम नवमी के जुलूस के दौरान झड़पे हुई, जिसके दौरान दो समुदाय के बीच पत्थर के द्वार हिंसा हुआ, जिससे डोनो पक्षों के लोग घायल हुए। कुछ ही दौरान में, दोनो समुदाय के लोग हिंसा पे उतर आए, जिस्मे मस्जिद के साथ बर्बादी की गई, और कुछ लोग मस्जिद के ऊपर भगवे रंग का झंडा फहराने की कोशिश कर रहे थे। 

केरेला एक ऐसा राज्य है जाहा हिंदू, मुस्लिम और ईसाइयों के बीच सभ्यस अस्तित्व से देखा जाता है। यह उत्तर भारत के अन्य शहरो और राज्यों के साथ विरोधमास है, जाहा इस्लाम के ख़िलाफ़ बढ़ती जफरत हिंदू और मुस्लिम को एक दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा कर देती है। 

उईघरस – मुस्लिम धरम के होते है और इस्लाम उनकी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिस्मे इनकी भाषा तुर्की है। शिनजियांग क्षेत्र में होने वाले विकास ने हान चायनीज़ को आकर्षित किया है, जिन्हें बहटर रोज़गार और अवसर दिए जाते है, जिसके कारण उईघरो में नाराज़गी है। विमान अपहरण, बम और चाकू के हमलों जैसे उइगरों द्वारा हमलों की एक निंदा के जवाब में, अधिकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ एक ‘वार्षिक अभियान’ शुरू किया। 1990 के दशक में और फिर 2008 में बीजिंग ओलंपिक के बाद चीन उइगरों पर अपनी पैठ बढ़ा रहा है। २००९ में, अशांति में लोगों की हत्या की गई, जिससे सुरक्षा में वृद्धि हुई और कई उईघरो को संदिग्धो के रूप में हिरासत में लिया गया। 

कॉम्युनिस्ट पार्टी ओफ़ चाइना द्वारा किया गया नरसंहार, जर्मनी में नाज़ियों द्वारा किए गए नरसंहार के समान है, जिस्मे उईघर महिलाओं की व्यवस्थित नसबंदी की रिपोर्ट सामने आइ है। चीन में एक लाख से अधिक तुर्क उईगरों को एकाग्रता शिविरों, जेलो और जबरन श्रम करखानो में हिरासत में रखा गया है। ये बंदी सेना शैली के अनुशासन, विचार परिवर्तन और फ़ॉर्स्ट कन्फ़ेशन के अधीन है। उनके साथ दुर्व्यवहार, अत्याचार, बलात्कार और याहा तक की उनकी हत्या भी की जाती है। जो जीवित रहते हैं, वे विद्युतीकरण, वाटरबोर्डिंग, बार-बार पिटाई, तनाव की स्थिति और अज्ञात पदार्थों के साथ इंजेक्शन के अधीन होते हैं। इन सामूहिक निरोध शिविरों को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान पहुंचाने और उइगर लोगों की भावना को मानसिक रूप से तोड़ने के लिए तैयार किया गया है।

चीनी पुरुष घर पर रहनी वाली उईगर औरतों का शोषण कर रहे है, क्युकी उनके पति को एकाग्रता शिविरों में रखा गया है। कई रेपोर्टो के अनुसार, उईघर महिलाओं को बिना बुलाए छीनी मेहमानो के साथ बिस्तर साझा करने की मजबूरी पड़ी। एसोसिएटेड प्रेस से विद्वान एड्रियन ज़ेनज़ की एक खोजी रिपोर्ट में, सबूत से पता चलता है कि चीन व्यवस्थित रूप से गर्भावस्था की जाँच, जबरन इंट्रयूटरेन डिवाइस, नसबंदी और यहां तक ​​कि शिनजियांग में उइगर और अन्य मुसलमानों की आबादी को कम करने के लिए गर्भपात का उपयोग कर रहे है। ये ही नहीं, ज़्यादा बच्चे होने को एक जुर्म माना जाता है जिसकी सजा इंकार्सरेशन होती है। रिपोर्ट के द्वारा जानकारी ये भी बताती है की अधिकारियों ने ऐसे माता-पिता का शिकार किया है, उन्हें उनके परिवार से दूर किया जाता है, अगर वो भारी जुर्माना ना दे पाए तो। शिनजियांग क्षेत्र के चारों और जन्मतिथि गिरती रही, पिछले साल २४% की तुलना में घटी और पूरे देश में 4.2%, जबकि वह क्षेत्र की आबादी चीन का सिर्फ़ 1.8% हिस्सा बनाती है।

द गार्जियन के अनुसार, चीन दुनिया में कॉटन का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है और देश का 84% कॉटन का उत्पादन शिनजियांग से लिया जाता है। एक्टिविस्ट्स ने 38 कंपनियों को नाम दिया है जो जबरन उइगर या तुर्क मुस्लिम श्रम से जुड़ी हैं, जैसे की NIKE, H&M, APPLE और सैमसंग। नाइकी ने उइगुर के रोजगार से संबंधित जोखिमों की पहचान करने और उनकी सहायता करने के लिए परिश्रम करके दावों का जवाब दिया। शिनजियांग में परिचालन करने वाले निर्माता के साथ सभी संबंधों को काटकर H&M ने जवाब दिया।

बिज़्नेस इन्साइडर के एक लेख में, एंटी-सलेवेरी इंटर्नैशनल के CEO जैज़्मिन ओ’ कानर ने कहा कि ‘ एकमात्र तरीक़ा है की ब्रैंड्ज़ यह सनिश्चित कर सके की वो इस् शोषण के माध्यम से मुनाफ़ा नहीं कमा रहे हो। क्षेत्र से बाहर निकलना और इन क्षेत्रों के सप्लाइअर के साथ सम्बंध को समाप्त करके, इस चीनी सरकार की प्रणाली को खतम करना एक रास्ता है।’

चाइना ने पिछले कई वर्षों में अपने आस पास के देशों, जैसे की जापान, भारत, ताइवान, वीयट्नाम और नेपाल को काफ़ी परेशान किया है। और अब इस लिस्ट में हांग कांग भी शामिल हुआ है क्युकी चाइना ने राज्य में असहमति को कुचलने के लिए ड्रेकोनीयन राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लागू किया है। तुर्डी होजा ने दावा किया कि दुनिया के बड़े पैमाने पर मौन रखने के कारण आज ये मानव अधिकार त्रासदी धीरे-धीरे एक पूर्ण विकसित नरसंहार में बदल गया है। अब जब लाखों लोग अपने घर की रेखा तक सीमित है एक ऐसी महामारी के कारण जो चीन में पैदा हुई, लोगों के पास आँख खोल के चीन की सच्चाई देखने का मौक़ा मिला है और साथ ही अपने आप की गलती मान्ने का की उनका अंधापन इस महामारी के लिए आंशिक रूप से ज़िम्मेदार है और उईघर की तरफ़ चीन का आक्रामक व्यवहार के लिए भी। 

बेज़िंग ने उईघर समुदाय के ख़िलाफ़ होने वाले दुर्व्यवहार को बार बार इनकार किया है और ये कहा है कि शिनजियांग मई होने वाले कारवाई आतंकवाद का मुक़ाबला करने के लिए करी जा रही है और इससे वोकेशनल ट्रेनिंग बुलाया जा रहा है। बिजनेस इनसाइडर के लेख से पता चला है कि UK में चीन के राजदूत को ड्रोन फुटेज के साथ सामना किया गया था, जिस्मे उइगरों को आंखों पर पट्टी बांधकर दिखाया था, बंधे हुए थे और गाड़ियों पर लादने के लिए तैयार थे। राजदूत लियू शियाओमिंग ने BBC के एंड्रयू मार को फुटेज की सत्यता से इनकार नहीं किया, लेकिन जोर देकर कहा कि यह देश में कैदियों के नियमित स्थानांतरण का फ़ुटिज हो सकता है। मिस्टर शि ने ये आपराधिक कर्तव्यों को जारी रखने का अपना स्पष्ट संकेत दे दिया है। लेकिन फिर भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया कमजोर बनी हुई है। EU ने अपने आप को क्षेत्र में पर्यवेक्षकों को भेजने के लिए अनुमति माँगने तक सीमित कर दिया है। इस समय जिसकी ज़रूरत है वो है एक ठोस और एकाकृत प्रतिक्रिया की, जो सब लोकतांत्रिक पश्चिमी देश द्वारा हो। 

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *