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हरिशंकर परसाई : खुशी है कि ‘कोटे’ से कुछ ज्यादा ही हरिजन मारे गए- गाँधी या गोडसे
यह चिट्ठी महात्मा मोहनदास करमचंद गाँधी को पहुंचे. महात्माजी, मैं न संसद-सदस्य हूँ, न विधायक, न मंत्री, न नेता. इनमें से कोई कलंक मेरे ऊपर नहीं है. मुझमें कोई ऐसा राजनीतिक ऐब नहीं है कि आपकी जय बोलूं. मुझे कोई भी पद नहीं चाहिये कि राजघाट जाऊँ. मैंने आपकी समाधि…
यूरोपियन यूनियन ने लताड़ा उबेर को: अपनी सरकार पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सी क्यों है ?
उबेर एक परिवाहन सेवा कंपनी है, यूरोपीय न्यायालय (ईसीजे) ने एक टैक्सी ऑपरेटर के रूप में ईयू के भीतर कड़े विनियमन और लाइसेंसिंग को स्वीकार करने की आवश्यकता की है. यह फैसला उबेर के तर्क पर जोरदार तमाचा है कि यह केवल चालकों की ओर से कार्य करने वाला एजेंट…
शिवाला, वाराणसी: राशन बायोमेटरीक से मिलने पर, न मिलने और संकरमण दोनों का खतरा
३१ मार्च २०२०: शिवाला, वाराणसी में अभी तक कोरोना के चलते कर्फ्यू के बाद भी कोई सरकारी सहायता नहीं. पहुची है. यहाँ जो रिक्शा वाले और टोटों वाले हैं, किसी तरह इधर उधर से राशन जुटा पा रहे हैं.देहाड़ी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन न होने के कारण उन्हें योगी सरकार की…